रायपुर: आधुनिक तकनीक से खेती को सरल, सुरक्षित और लाभकारी बनाने की दिशा में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र महासमुंद द्वारा ग्राम धनसुली में निकरा परियोजना अंतर्गत धान की फसल में कृषि ड्रोन तकनीक का सफल प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान किसानों को ड्रोन द्वारा कीटनाशक छिड़काव की प्रक्रिया का प्रत्यक्ष प्रदर्शन कराया गया तथा इसके संचालन से संबंधित तकनीकी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि ड्रोन तकनीक से कम समय, कम लागत और कम श्रम में अधिक क्षेत्र में छिड़काव संभव है। इससे किसानों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख तथा निकरा परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. आर.एल. शर्मा ने कृषि में ड्रोन तकनीक के उपयोग और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. रवीश केशरी ने तकनीकी दृष्टि से ड्रोन के उपयोग के लाभ गिनाए। वहीं कृषि विभाग की ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी श्रीमती कल्पना साहू तथा निकरा परियोजना के वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता श्री तरुण प्रधान ने किसानों को प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया।
ग्राम धनसुली के किसानों ने इस नवाचारपूर्ण तकनीक में विशेष रुचि दिखाई और सक्रिय रूप से प्रशिक्षण में भाग लिया। किसानों ने कहा कि ड्रोन तकनीक से खेती के कार्य अधिक आसान और समयबद्ध होंगे। ड्रोन तकनीक के इस सफल प्रदर्शन ने साबित किया है कि कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक नवाचारों का समावेश किसानों की आय वृद्धि और कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।