महासमुंद जिले को राष्ट्रीय उपलब्धि: जल संचय जनभागीदारी अभियान में प्रथम स्थान, CM साय ने दी बधाई कहा – ‘‘जनसहभागिता से ही जल संरक्षण को जन-आंदोलन बनाया जा सकता है’’……

महासमुंद जिले को राष्ट्रीय उपलब्धि: जल संचय जनभागीदारी अभियान में प्रथम स्थान, CM साय ने दी बधाई कहा – ‘‘जनसहभागिता से ही जल संरक्षण को जन-आंदोलन बनाया जा सकता है’’……

रायपुर: जल संरक्षण की दिशा में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ते हुए महासमुंद जिले ने राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। जल संचय जनभागीदारी अभियान 2.0 के अंतर्गत जिले को जोन-2 की कैटेगरी-2 में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि पर भारत सरकार द्वारा महासमुंद जिला प्रशासन को एक करोड़ रुपए का नगद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस सफलता पर महासमुंद जिले के नागरिकों, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा, ‘‘जल जीवन का आधार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प अनुरूप छत्तीसगढ़ में भी हम जल संरक्षण को जनसहभागिता आधारित आंदोलन बना रहे हैं। महासमुंद ने सामुदायिक भावना और नवाचार के माध्यम से यह सिद्ध कर दिखाया है कि जनता जब आगे बढ़कर सहभागिता करती है, तो लक्ष्य कितना भी बड़ा हो, उसे पाना संभव है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए गांव-गांव में ‘मोर गांव-मोर पानी’ जैसी जनहितकारी योजनाओं को और मजबूती से लागू करेगी। महासमुंद जिले में इस अभियान ने जनआंदोलन का रूप ले लिया है। “मोर गांव-मोर पानी” अभियान के तहत सोखता गड्ढा, रूफटॉप हार्वेस्टिंग, इंटेकवेल रिचार्ज और अन्य तकनीक अपनाकर वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण को गति दी जा रही है।

जिले में जनसहभागिता से 35,182 जल संरचनाएँ, 5,000 सोखता गड्ढे , 125 इंजेक्शन वेल, 1,839 सोखपीट और 25 बोरवेल रिचार्ज तैयार किए गए हैं, एवं 785 जल संरक्षण कार्य विभिन्न जनपद पंचायतों में पूरे किए गए। इनसे वर्षा जल का अधिकतम संरक्षण और भूजल पुनर्भरण संभव हुआ।  इस अभियान से जिले के सभी पांच जनपद पंचायत महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली में वर्षाजल संचयन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। इससे भूजल स्तर में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीणों को सिंचाई और पेयजल उपलब्धता में दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।

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