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इंदौर पार्षद विवाद में बीजेपी का एक्शन, जीतू यादव ने पार्टी और महापौर परिषद से दिया इस्तीफा

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में बीजेपी पार्षद कमलेश कालरा और पार्षद जीतू यादव के बीच चल रहे विवाद को लेकर बीजेपी ने बड़ा एक्शन लेते हुए जीतू यादव पर अनुशासनात्मक करवाई की है। जीतू यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है। हालांकि, पार्षद जीतू यादव ने पार्टी की कार्रवाई से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने इंदौर नगर निगम के वार्ड 24 के पार्षद जितेन्द्र कुमार (जीतू यादव) को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। जीतू यादव द्वारा पार्टी के ही पार्षद से विवाद के बाद अपमानजनक वारदात को अंजाम देने से पार्टी की छवि धूमिल हुई थी। इस बात को गंभीरता से लेते हुए पार्टी ने जीतू यादव के इस रुख को अनुशासनहीनता माना।

जीतू यादव ने दिया इस्तीफा

इधर इसके पहले जीतू यादव ने भाजपा और महापौर परिषद से इस्तीफा दे दिया था। जीतू यादव ने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे की जानकारी सांझा की और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के नाम मैसेज करते हुए लिखा कि मैं भाजपा का समर्पित और अनुशासित सिपाही हूं। मेरा, मेरे परिवार और अनुसूचित जाति के मेरे जाटव समाज का पार्टी से अटूट रिश्ता है।

कुछ दिनों पहले इंदौर में पार्टी के एक साथी पार्षद के परिजनों के साथ हुई दुखद घटना में मेरा नाम घसीटकर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मैने इस मामले में अपना पक्ष सभी तथ्यों के साथ माननीय शहर अध्यक्ष के समक्ष रखकर खुद आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की थी।

मान्यवर मै ये नहीं चाहता कि मेरे कारण पार्टी को किसी असहज स्थिति का सामना करना पड़े अतः इस पूरे प्रकरण में निर्दोष साबित होने तक मै पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और एमआईसी से त्याग पत्र देता हूं। मुझे विश्वास है पार्टी मेरे साथ अन्याय नहीं होने देगी। सादर आपका जीतू यादव (जाटव) पार्षद, एमआईसी सदस्य इंदौर।

क्या है विवाद

बता दें कि यह घटना इंदौर नगर निगम के वार्ड नंबर 65 से संबंधित है। इंदौर एमआईसी सदस्य जीतू यादव और पार्षद कमलेश कालरा के बीच एक विवाद चल रहा था। उसी मामले में जीतू के समर्थकों ने बीजेपी के ही पार्षद कमलेश कालरा के नाबालिग बेटे को उसकी मां और दादी के सामने पीटा गया और दुर्व्यवहार किया था।

इंदौर पुलिस के एक अधिकारी ने इस मामले की जांच के बाद बताया था कि बताया कि यह घटना चार जनवरी 2025 को हुई थी। कम से कम 25 लोगों ने एक व्यक्ति के घर में घुसकर तोड़-फोड़ और उसके परिजनों से गाली-गलौज और मारपीट की थी।

उन्होंने कहा कि हमलावरों ने घटना के दौरान एक नाबालिग लड़के को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर दिया था। इसका कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। अधिकारी ने बताया कि घटना को दो लोगों के बीच फोन पर बहस को लेकर हुए विवाद के कारण अंजाम दिया गया था।

इस मामले में एमपी के सीएम मोहन यादव ने भी इंदौर की इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को निर्देश दिए हैं कि इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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